New lyrics थक गये हो तो थकन छोड के जा सकते हो, तुम मुझे वाक़यतन छोड के जा सकते हो ! हम दरख़्तों को कहॉं आता है हिजरत करना, तुम परिंदे हो चमन छोड के जा सकते हो !! ~Abdul kadir Shaikh